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Sunday, June 25, 2017

अनमोल वचन भाग 2

अनमोल वचन भाग 2
अनमोल वचन के इस अध्याय में प्रकृति के नियमो का ज्ञान कराया है

प्रकृति का प्रथम नियम



यदि खेत में  बीज न डालें जाएं  तो कुदरत  उसे घास-फूस  से  भर देती हैं ।
ठीक  उसी  तरह से  दिमाग  में सकारात्मक  विचार  न भरे  जाएँ  तो नकारात्मक  विचार  अपनी  जगह  बना ही लेती है ।
प्रकृति  का दूसरा  नियम

जिसके  पास  जो होता है  वह वही बांटता  है।
सुखी "सुख  "बांटता है
दुःखी  "दुःख " बांटता  है
ज्ञानी "ज्ञान" बांटता है
भ्रमित  "भ्रम "बांटता है
भयभीत"  भय "बांटता हैं

प्रकृति  का तिसरा नियम

आपको  जीवन से जो कुछ भी मिलें  उसे पचाना सीखो क्योंकि
भोजन  न पचने  पर रोग बढते है।
पैसा न पचने  पर दिखावा बढता है
बात  न पचने पर चुगली  बढती है ।
प्रशंसा  न पचने पर  अंहकार  बढता है।
निंदा  न पचने पर  दुश्मनी  बढती है ।
राज न पचने पर  खतरा  बढता है ।
दुःख  न पचने पर  निराशा बढती है ।
और सुख न पचने पर  पाप बढता है ।
बात  कडुवी बहुत  है  पर सत्य  हैं।

अनमोल वचन 

           चींटी से मेहनत सीखिए
           बगुले से तरकीब
                       और
          मकड़ी से कारीगरी।
"अपने विकास के लिए अंतिम समय
            तक  संघर्ष कीजिए।
              संघर्ष ही जीवन है।
 अपनी जिंदगी के किसी भी दिन को मत कोसना.....!!!

             क्योंकि
  अच्छा दिन खुशियाँ लाता है..!!!
  और बुरा दिन अनुभव ...!!!
  एक सफल जिंदगी के लिए दोनों जरूरी होती है...!!

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