निरन्तर अभ्यास
(Perseverance Story)
(Perseverance Story)
एक समय की बात हैं। एक गाँव में एक खेल दिखने वाला आया हैं वो दिन में खेल दिखता और आपना जीवन यापन करता था। लोगो को उसका खेल बहुत पसंद आता था। वह एक गाँव गया और खेल दिखाने लग गया। वो खेल दिखा कर अपना जीवन यापन करता था। वो तीर चलने में निपुर्ण था वो तीरो को एक के पास एक ऐसे लगता की पहले वाले को काट कर तीर सीधा पहले वाले की जगह पर लगा जाता था खेल दिखेने वाला खेल दिखने लगा। उसने एक केंद्र बिंदु बनाया और अपना खेल दिखने लगा। उसने एक तीर लिया ओर केंद्र बिंदु पर अपना निशाना लगाने लगा।
निशाना सीधा केंद्र बिंदु पर जाकर लगाता था सब लोग हैरान हो जाते की कितना अच्छा निशाना है।
और फिर खेल वाला उसी तीर पर तीर चलता है और तीर सीधा पहले वाले तीर को काट कर उसकी जगह पर लगा जाता है लोग बहुत तालियां बजाते है। अचानक पीछे से आवाज आते हैं।
"ये सब अभ्यास का खेल है"
खेल वाला ये सुनके गुस्सा आ जाता हैं। जब खेल ख़त्म हो जाता हैं। तब वह वहाँ जाता है, जहाँ से आवाज आ रही थी। वहाँ पहुच कर खेल वाला बोलता है की, "ये सब अभ्यास का खेल हैं" कौन बोल रहा है। एक तेल वाला बोलता है। की में बोल रहा था। खेल वाला बोला मै इतनी मेहनत करता हु तब जाकर में ये खेल दिखा पता हूँ। और तुम बोलते हो की अभ्यास का खेल है।
तेल वाला बोला की देख मेरा खेल...
तेल वाले अपने तेल के बड़े बर्तन को बाहर निकाला, और एक बोतल निकली उसके मुँह में एक सिक्का रखा (पुराने समय के सिक्को के बीच में एक छेद होता था) दिया और तेल का बड़ा बर्तन आपने कंधे पर रखा और धीरे-से बोतल के मुँह पे रखे सिक्के के छेद में होकर तेल को बोतल में डालने लगा। धीरे धीरे वो बोतल भर गई।
खेल वाला बोला ये सब कैसे किया।
तेल वाला बोला की ये अभ्यास का ही तो खेल है इसमें कोनसी बड़ी बात है। तेल वाला बोलता- देख में तुझे समझाता हु। तू रात-दिन तीर चलने का अभ्यास करता है। इसलिये तू तीर चलने में निपुर्ण हो गया हैं। और में तेल बेचता हु तो में तेल भरने में निपुर्ण हो गया हूँ।
खेल दिखने वाले के सारी बात समझ में आ गई थी
निशाना सीधा केंद्र बिंदु पर जाकर लगाता था सब लोग हैरान हो जाते की कितना अच्छा निशाना है।
और फिर खेल वाला उसी तीर पर तीर चलता है और तीर सीधा पहले वाले तीर को काट कर उसकी जगह पर लगा जाता है लोग बहुत तालियां बजाते है। अचानक पीछे से आवाज आते हैं।
"ये सब अभ्यास का खेल है"
खेल वाला ये सुनके गुस्सा आ जाता हैं। जब खेल ख़त्म हो जाता हैं। तब वह वहाँ जाता है, जहाँ से आवाज आ रही थी। वहाँ पहुच कर खेल वाला बोलता है की, "ये सब अभ्यास का खेल हैं" कौन बोल रहा है। एक तेल वाला बोलता है। की में बोल रहा था। खेल वाला बोला मै इतनी मेहनत करता हु तब जाकर में ये खेल दिखा पता हूँ। और तुम बोलते हो की अभ्यास का खेल है।
तेल वाला बोला की देख मेरा खेल...
तेल वाले अपने तेल के बड़े बर्तन को बाहर निकाला, और एक बोतल निकली उसके मुँह में एक सिक्का रखा (पुराने समय के सिक्को के बीच में एक छेद होता था) दिया और तेल का बड़ा बर्तन आपने कंधे पर रखा और धीरे-से बोतल के मुँह पे रखे सिक्के के छेद में होकर तेल को बोतल में डालने लगा। धीरे धीरे वो बोतल भर गई।
खेल वाला बोला ये सब कैसे किया।
तेल वाला बोला की ये अभ्यास का ही तो खेल है इसमें कोनसी बड़ी बात है। तेल वाला बोलता- देख में तुझे समझाता हु। तू रात-दिन तीर चलने का अभ्यास करता है। इसलिये तू तीर चलने में निपुर्ण हो गया हैं। और में तेल बेचता हु तो में तेल भरने में निपुर्ण हो गया हूँ।
खेल दिखने वाले के सारी बात समझ में आ गई थी
शिक्षा:> निरंतर अभ्यास करने से व्यक्ति उस कला में माहिर हो जाता हैं इसलिए निरंतर अभ्यास करते रहना चाहिए।
Note:- मनुष्य को अच्छे कार्यो का अभ्यास करते रहना चाहिए, क्योकि मनुष्य अच्छे कार्यो से ही अच्छा इंसान बनता हैं। तब वह अच्छे कार्य करने लगता है।
किसी चीज का यदि हम विचार करते हैं तथा उसके बारे में बार-बार विचार करने से वह उस में विचार करने में निपुर्ण हो जाता हैं।
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